
कोरबा :- जनपद सदस्य एवं भाजपा नेता अक्षय गर्ग की नृशंस हत्या की गुत्थी को कटघोरा पुलिस ने महज़ 7-8 घंटे में सुलझाते हुए सनसनीखेज खुलासा किया है। हत्या के पीछे राजनीतिक टकराव और व्यावसायिक प्रतिस्पर्धा को मुख्य कारण बताया गया है। पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर हत्या में प्रयुक्त हथियार, वाहन और अन्य अहम साक्ष्य जब्त कर लिए हैं।
पुलिस के अनुसार 23 दिसंबर की रात अक्षय गर्ग अपने कार्यस्थल से घर लौट रहे थे। कटघोरा-नागोई मार्ग पर पहले से घात लगाए बैठे आरोपियों ने चारपहिया वाहन से उनका रास्ता रोका और लोहे की रॉड व धारदार हथियार से सिर, पीठ और पेट पर ताबड़तोड़ वार किए। गंभीर रूप से घायल अक्षय गर्ग को तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी,अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, एसडीओपी एवं एफएसएल टीम मौके पर पहुंची। फोरेंसिक जांच, सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल लोकेशन और प्रत्यक्ष साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए आरोपियों तक पहुंच बनाई।

इस हत्याकांड में मिर्जा मुस्ताक अहमद (27 वर्ष), विश्वजीत ओझा (21 वर्ष) एवं गुलशन दास (26 वर्ष) को गिरफ्तार किया है। एक विधि से संघर्षरत बालक की भूमिका की भी जांच की जा रही है।जांच में सामने आया है कि आरोपी और मृतक के बीच व्यवसाय को लेकर पुराना विवाद, पूर्व चुनाव में सीधा राजनीतिक मुकाबला, सड़क निर्माण कार्यों में अनियमितता रोकने को लेकर टकराव जैसे कारण मौजूद थे। इन कारणों से आरोपी मृतक से रंजिश रखे हुए थे।

पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त लोहे की रॉड, धारदार हथियार, घटना में इस्तेमाल की गई चारपहिया वाहन, मोबाइल फोन और अन्य तकनीकी साक्ष्य जब्त किए हैं। आरोपियों को न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है।
अंतिम संस्कार में भारी भीड़, दिखा गुस्सा
आज पूर्वान्ह 11 बजे कटघोरा के मुक्तिधाम में अक्षय गर्ग का अंतिम संस्कार संपन्न हो गया। इससे पहले अंतिम यात्रा उनके निवास से निकाली गई। विभिन्न राजनीतिक दलों के पदाधिकारी, सदस्यों के अलावा विभिन्न समाज के लोग इसमें शामिल हुए। सुरक्षा कारणों से जरूरी व्यवस्था कराई गई। क्योंकि एक दिन पहले भाजपा नेता और जनपद सदस्य अक्षय की हत्या को लेकर लोगों में काफी गुस्सा था और कटघोरा नगर इस वजह से स्वस्फूर्त बंद रहा। मुख्य आरोपी और अन्य के बारे में जानकारी मिलने से कटघोरा नगर में काफी नाराजगी बनी हुई है। इसलिए भी पुलिस ने निगरानी बनाए रखी। अक्षय की हत्या को लेकर पुलिस ने अपराध दर्ज करने के साथ आगे कार्यवाही की बात कही है। वहीं लोगों का कहना है कि घटिया सोच रखने वाले शातिर तत्वों के लिए ठोस इलाज होना ही चाहिए।


















